Friday 25 September 2015

वो पागल लड़का - True but not a love story


आज कितने समय बाद मैने उसे देखा। मै अपना नाम नही बताना चाहती। पर वो एक दम पागल सा था। उन दिनों मैं कॉलेज में पढ़ती थी और रोज़ सुबह मैं मंदिर जाती थी। वो भी सुबह सुबह मंदिर आता था पर कुछ दिन बाद मुझे ऐसा लगा की वो मेरा पीछा करता था। मैं जहा भी जाती वो मेरे पीछे पीछे आ जाता था। जब भी कॉलेज जाती तब भी वो मेरे पीछे आता। कॉलेज से निकलती तब भी वो वही पर दिख जाता। शाम को  मार्किट जाने के लिए निकलती तब भी कही न कही दिख जाता। मैं उसे हमेशा ignore कर देती थी। दिखने में तो बहुत भोला भला सा था पर कभी कुछ बोलता नही था बस पागलो की तरह पीछा करता रहता था। पीछा करके उसने मुझे बस परेशान करके रख दिया था। एक दिन जब मैं कॉलेज जा रही
थी तो अचानक पीछे से आया और मुझे रोकने लगा पर मैंने अपनी स्कूटी नही रोकी वो मेरे कॉलेज के गेट तक आया पर मैं कॉलेज के अंदर जा चुकी थी। मैं उस दिन बहुत डर गई थी। शायद कोई अनाप शनाप बात करना चाहता होगा। पर मुझे उसमे कोई इंटरेस्ट नही था। 


उस दिन के बाद वो मुझे कई दिनों तक नही दिखा शायद वो समझ गया था की मुझे उसमे कोई इंटरेस्ट नही है। पर ये क्या कुछ दिनों बाद वो फिर से मेरे पीछे आना शुरू हो गया। अब मुझे गुस्सा आने लगा था अब तो लोग भी नोटिस करने लगे थे की वो मेरे पीछे आता है और मेरी गली में भी आने लगा था। अब तो हद हो गई थी उसे रोकने के लिए मुझे कुछ करना ही था अब मैंने सोच लिया था की उसकी अकल ठिकाने लगानी ही पड़ेगी। एक दिन सुबह जब मैं मंदिर गई तब वो फिर मंदिर आ गया। मैं बिना पूजा किये मंदिर से निकल गई तो वो भी अपनी बाइक पर मेरे पीछे  आ गया जैसे ही वो मेरे पास से गुजरा तब मैंने उसे बुरा भला बोला उसे शायद ऐसी उम्मीद नही थी और वो वहा से चला गया। 

कुछ टाइम बाद मेरा कॉलेज भी खतम हो गया और उस बात को लगभग एक साल बीत गया पर वो दोबारा मेरे पीछे नही आया हा दिख जरूर जाता था। पर ये क्या वो फिर से मेरे पीछे आने लगा। अब मुझे गुस्सा आने लगा था उस पर, मैंने सोच लिया था की जिस दिन वो मुझे मिल गया तो उसे कस के एक थपड़ मारूंगी फिर जो होगा देखा जाएगा। एक दिन सुबह मैं मंदिर गई और वो भी मंदिर आया मैंने उसे देखा नही वो अचानक मेरे पीछे आया और उसने कुछ बोला मैंने जैसे ही मुड़ कर देखा की वही है तो मैंने उसे कस के थपड़ मारा मंदिर में सारे लोग इकठे हो गए थे। मैं उसे बहुत भला बुरा बोलती रही उसने मुझे बस इतना बोला की जैसे मैं समझ रही हु बात वो नही है मैं तुम्हे छेड़ नही रहा पर अब आगे से वो मेरे पीछे नही आएगा और इतना बोल कर वो चला गया। 

उसके बाद मैं भी घर आ गई। मुझे बहुत बुरा लग था की मैंने उसे मारा मैंने पहले कभी किसी पर भी हाथ नही उठाया था पर मैं करती  भी क्या उसने परेशान भी इतना किया था मुझे। जब मैंने उसे थपड मारा  तब उस से पहले उसने मुझे कुछ कहा था पर उस टाइम मैं बस गुस्से में थी बाद में मुझे ध्यान आया की उसने मुझे सॉरी बोला था। अब मुझे और भी बुरा लग रहा था की ये मैंने क्या किया। मेरी भी तो गलती है मैंने भी कभी उसकी बात नही सुनी पता नही क्या बोलना चाहता था। पर उस दिन के बाद वो कभी मेरे सामने नही आया कभी कभी वो मुझे दिख जाता पर वो मेरी तरफ नही देखता था एक बार मेरा उसके साथ आमना सामना हुआ पर इस बार मैं उसे देख रही थी पर उसने मेरी तरफ नही देखा। 

टाइम बीतता गया मेरी एक स्कूल में जॉब लग गई और मुझे कई ऐसे लोग मिले जो उस लड़के को जानते थे तो मैंने उन लोगो से उस लड़के के बारे में जानने की कोशिश की मुझे कभी किसी ने उस लड़के के बारे में बुरा नही बोला सब उसके बारे में अच्छा ही बताते थे। मुझे बहुत बुरा लग रहा था। पर अब वो कभी दिखता भी नही था। मेरे पेरेंट्स ने मेरी शादी पक्की कर दी और मेरी शादी  हो गई। आज मेरा एक छोटा सा परिवार है। मेरे पति बहुत अच्छे है हमारी एक प्यारी सी  गुड़िया है और मैं अपने परिवार में बहुत खुश हु। पर आज जब मैंने उसे देखा तो सब कुछ याद आ गया। वो कुछ बदला बदला सा लग रहा था पर चेहरे पर आज भी वैसी ही ख़ामोशी थी पता नही उसने मुझे देखा की नही। शायद उसने अभी तक शादी नही की पर मैं भगवान से यही दुआ करूंगी की वो हमेशा खुश रहे। 


No comments:

Post a Comment