Thursday 20 August 2015

जिसने सच्चे प्यार का एहसास करवाया - Love Story in Hindi

मेरा नाम रीना है और जो बात मै बता रही हू वो मेरे जीवन की सबसे अनमोल घटना है। ये उस इन्सान के बारे में है जिसने मुझे सच्चे प्यार का एहसास कराया। आज मेरी शादी को 4 साल हो गये है। ये बात तब की है जब मेरे कॉलेज का आखरी साल था। मेरे घर में मेरे रिश्ते की बात चल रही थी और लड़के वाले  मुझे देखने आने वाले थे। में ये सब बाते सुन कर बहुत ही परेशान थी क्युकी में पहले से किसी से प्यार करती थी वो मेरे ही कॉलेज में पड़ता था और वो मुझे भी चाहता था और मै ऐसे किसी भी इन्सान से शादी नही करना चाहती थी जिसे मै
ठीक से जानती भी नही थी। मैने मम्मी को साफ मना कर दिया था की मै शादी नही करना चाहती थी। मम्मी ने मुझे बहुत समझाया की एक बार लड़के को मिल तो ले फिर शादी करनी है या नही ये बाद की बात है। पर मुझे पता था की घर में सिर्फ पापा की ही चलती है और अगर उन्हें ये रिश्ता अच्छा लगा तब वो मेरी मर्ज़ी न भी हो तब भी मेरी शादी उसी से करवा देंगे। 

आज वो दिन आ गया जब ये मुझे देखने के लिए आए। मैने मन में सोच लिया था की मै इन्हें साफ़ साफ़ मना कर दूंगी की मै आपसे शादी नही करना चाहती क्युकी मै किसी और से प्यार करती हू और उसी से शादी करना चाहती हू। जब हम दोनों को एक अलग कमरे में बात चित करने के लिए भेजा गया तो मैने इन्हें सारी बात बता दी और ये मेरी बातो को बहुत ध्यान से सुनते रहे। मैने इन्हें ये भी बोल दिया की ये बाहर जाकर किसी को इस बारे में मत बताए और खुद ही शादी के लिए मना कर दे। पर ये मुझे बस एक टक देखे जा रहे थे। फिर कुछ देर बाद इन्होने अपनी चुपी तोड़ी और मुझ से सिर्फ इतना पूछा की तुम उस लड़के से शादी करना चाहती हो पर क्या वो तुमसे शादी करना चाहता है। वो इतना बोल कर कमरे से बहार चले गए और मुझे एक सोच में छोड़ गये।

अगले दिन लड़के वालो का जवाब आया तो मेरे घर में सभी लोग ख़ुशी से झूम उठे क्युकी इन्होने मुझ से शादी करने के लिए हाँ बोल दी। ये सुन कर मेरे पैरो से ज़मीन निकल गई और मुझे इन पर बहुत गुस्सा भी आया। हमारी शादी की तारीख मेरे एग्जाम के बाद पकी कर दी गई। अब मै ये सब और बर्दाश्त नही कर सकती थी तब मै उस लड़के से मिली जिस से मै बहुत प्यार करती थी और उसे बोला की वो मुझे कही दूर ले जाए इतनी बात सुन कर तो उसका रंग ही बदल गया उसने मुझे एक दम से मना कर दिया और बोल की वो मुझ से शादी नही करना चाहता। मै उसे मनाती रही पर वो मुझे छोड़ कर चला गया मेरा रो रो कर बुरा हाल था तब भी उसने मुझे चुप तक नही करवाया तब अचानक मुझे इनका किया हुआ सवाल याद आ गया। 

मेरे एग्जाम खतम हो गये थे और अगले हफ्ते हमारी शादी थी। शादी से पहले ये मुझे मिलने आए पर हम दोनों ही चुप थे मै इनसे कोई बात ही नही कर पाई और ये भी चुप चाप चले गए। एक हफ्ते बाद हमारी शादी हो गई। शादी की पहली रात जब ये कमरे में आए तब मै बिलकुल चुप बैठी थी। तब इन्होने मुझ से बात करनी शुरू की। इन्होने सबसे पहले एक ही बात बोली की उस लड़के ने तुमसे शादी के लिए हाँ क्यों नही बोली। ये सवाल सुन कर मै चौक गई तब इन्होने ने मुझे बोला की इन्होने मुझे पहली नज़र में ही पसंद कर लिया था और इन्होने शादी के लिए हाँ इस लिए बोला था क्युकी ये जानते थे की उसके बाद मै उस लड़के से जरुर मिलूंगी और उस से शादी के लिए पूछूँगी। तब मुझे समझ आया जिसे मै प्यार समझ रही थी वो कोई प्यार नही था। इन्होने मुझे उस रात ये भी बोल की जब तक तुम्हे मुझ से सच्चा प्यार न हो जाए तब तक तुम मुझे बिलकुल भी मत अपनाना। 

आज मुझे इनसे बहुत प्यार करती हु शयद इनके बिना मै जिंदा न रह पाऊ। इन्होने ने ही मुझे सच्चे प्यार का एहसास करवाया था। ये भी मुझे बहुत प्यार करते है। आज हमारी के बहुत ही प्यारी बच्ची है। शायद सच ही बोलते है की सच्चा प्यार आपको कब और किसके साथ हो जाए आपको पता भी नही चलता

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