Thursday 22 October 2015

क्या दहेज़ खुशियो की गारंटी है ? Dowry is not a guarantee for Happiness

एक सुन्दर सी कन्या अनामिका कॉलेज में अपना ग्रेजुएशन पूरा करती हैं तभी उसकी मुलाकात एक लड़के राहुल से होती हैं। राहुल भी बहुत स्मार्ट और माता पिता का आज्ञाकारी बेटा हैं। दोनों एक दुसरे को पसंद करने लगते हैं। दोनों का ग्रेजुएशन पूरा होता हैं राहुल अपने शहर में जॉब करने लगता हैं और लड़की भी एक अच्छी जॉब कर रही हैं। दोनों ने निर्णय लिया कि अब माता पिता से शादी की बात करने का वक्त आ गया हैं लेकिन परेशानी यह हैं कि दोनों की कास्ट अलग-अलग हैं अनामिका ब्राह्मण हैं और राहुल राजपूत। 

राहुल के समाज में दहेज़ बहुत जरुरी हैं जो कि नगद में होता हैं उसके अलावा कई तरह के गिफ्ट्स और गहने की भी मांग की जाती हैं। राहुल ने अनामिका को यह स्थिती स्पष्ट की और कहा घर वालो को मनाओ अगर तुम सभी मांगे पूरी करवाती हो तो