Sunday 20 September 2015

सफलता कैसे प्राप्त करे? How to get Success? in Hindi

दोस्तों हम सभी सफल (Successful) होने के लिए बेजोड़ मेहनत करते है। परन्तु कई बार ऐसा होता है की हम मेहनत करने के बावजूद सफलता (Success) प्राप्त नही कर पाते फिर आखिर कमी कहा है। हम बचपन से सुनते आ रहे है की मेहनत सफलता की कुंजी है और फिर भी जीतोड़ मेहनत के बाद भी हम सफलता से कोसो दूर है। हम सफल क्यों नहीं हो पा रहे इस पर बात करने से पहले
आपको एक छोटी सी कहानी सुनाता हु :

एक गाँव में एक गरीब लड़का रहता था जिसका नाम मोहन था। मोहन बहुत मेहनती था लेकिन थोड़ा कम पढ़ा लिखा होने की वजह से उसे नौकरी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे ही एक दिन भटकता भटकता वह एक लकड़ी के व्यापारी (Merchant) के पास पहुँचा। उस व्यापारी ने लड़के की दशा देखकर उसे जंगल से पेड़ कटाने का काम दे दिया। नयी नौकरी से मोहन बहुत उत्साहित था, वह जंगल गया और पहले ही दिन 18 पेड़ काट डाले। व्यापारी ने भी मोहन को शाबाशी दी, शाबाशी सुनकर मोहन और गदगद हो गया और अगले दिन और ज्यादा मेहनत से काम किया। लेकिन ये क्या ! वह केवल 15 पेड़ ही काट पाया। व्यापारी ने कहा – कोई बात नहीं मेहनत करते रहो। तीसरे दिन उसने और ज्यादा जोर लगाया लेकिन केवल 10 पेड़ ही काट सका। अब मोहन बड़ा दुखी हुआ लेकिन वह खुद नहीं समझ पा रहा था क्युकी वह रोज पहले से ज्यादा काम करता लेकिन पेड़ कम काट पाता। हारकर उसने व्यापारी से ही पूछा – मैं सारे दिन मेहनत से काम करता हूँ लेकिन फिर भी क्यों पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है। 

व्यापारी ने पूछा – तुमने अपनी कुल्हाड़ी को धार कब लगायी थी?

मोहन बोला – धार ? मेरे पास तो धार लगाने का समय ही नहीं बचता मैं तो सारे दिन पेड़ कटाने में व्यस्त रहता हूँ । 

व्यापारी – बस इसीलिए तुम्हारी पेड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है।

दोस्तों इस कहानी में एक बात समझने वाली है की मोहन मेहनत तो कर रहा है पर उसका फल उसे नही मिल रहा और जब उसने इसका कारण व्यापारी से पूछा तो व्यापारी ने उसे कुल्हाड़ी पर धार लगाने के बारे में पूछा। दोस्तों हम भी मोहन की तरह मेहनत तो करते है पर कभी मोहन की तरह धार मतलब की दिमाग नही लगाते। हम रोज़ सड़को पर मेहनत से रिक्शा चलाने वालो को देखते है पर मेहनत करने के बावजूद वो सारी ज़िंदगी रिक्शा ही चलाता रहता है अगर वो थोड़ा सा दिमाग लगाए तो वो तरक्की करने के लिए एक टैक्सी (Taxi) या ऑटो (Auto) भी ले सकता है। मैंने कई ऐसे मज़दूरों को देखा है जो धीरे धीरे ठेकेदार बन चुके है पर उनके साथी आज भी वही के वाही है। इसलिए यदि हम मेहनत के साथ साथ थोड़ा दिमाग भी लगाए तो सफलता हासिल कर सकते है। सफल होने के लिए हार्ड वर्क (Hard Work) के साथ साथ स्मार्ट वर्क (Smart Work) भी बहुत जरूरी है। 



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